Thursday 21 October 2021

एच.एम.आई.एस में रजिस्ट्रेशन करवा के आर.सी नंबर हासिल करना ..

आप एचएमआईएस की वेबसाईट पर जा कर भी छोटी मोटी कोई जानकारी हासिल कर सकते हैं >>> https://hmis.rcil.gov.in/AHIMSG5/hissso/Login#contact

जिन लोगों की आई.डी बनी हुई है, वे लोग ही इन में लॉग-इन कर सकते हैं....चूंकि इस में लोगों का सेंसेटिव डैटा पड़ा हुआ है, इसलिए उस डैटा की सुरक्षा, निजता की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी। 

जब कोई मरीज़ पहली बार अस्पताल आयेगा तो वह पंजीकरण डेस्क पर अपना उमीद कार्ड देगा...जब डेस्क पर बैठा कर्मचारी उस के उमीद कार्ड के क्यू.आर कोड को स्कैन करेगा तो उस मरीज़ का डैटा स्वतः कंप्यूटर स्क्रीन पर दिख रहे फार्म में आ जाएगा...और जब ये डिटेल्स उस फार्म में भरे जाएंगे (ऑटो-फिल) और अगर किसी कारण से भी कर्मचारी उस मरीज़ की पहचान के बारे में सुनिश्चित होना चाहेगा तो वहां उस की और भी बहुत सी डिटेल्स दिखने लगेंगी..इस के बाद उस मरीज़ के लिए रजिस्ट्रेशन स्लिप जेनरेट हो जाएगी। 

अगर कोई मरीज़ पहली बार आया है और वह अपना उमीद कार्ड लाना भूल भी गया है तो भी उस को अगर अपने उमीद कार्ड का नंबर याद है या पी.एफ नंबर ही याद है अगर वह रिटायर्ड है और उसे पेंशन पेमेंट आर्डर नंबर (पी पी ओ नंबर) पता है तो भी उस का एचएमआईएस रजिस्ट्रेशन नंबर तो जेनरेट हो ही जाएगा...रजिस्ट्रेशन करते वक्त ऐसे भी विकल्पर रहते हैं स्क्रीन पर दिख रहे उस फार्म में। यहां तक कि अगर उसे अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पता है तो भी उसका काम हो सकता है क्योंकि ये सब दस्तावेज़- पी एफ नंबर, पी पी ओ नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर उमीद कार्ड से लिंक हुए होते हैं। 

चूंकि आधार नंबर और पैन कार्ड नंबर अभी भी उमीद कार्ड बनवाने के लिए अनिवार्य नहीं है - फिर भी हो सकता है कि उस के उमीद रिकार्ड में ये दोनों मौजूद हों, ऐसे में वह इन दोनों में से एक ही नंबर के आधार पर एचएमआईएस आर.सी नंबर हासिल कर सकता है...लेकिन अगर उमीद कार्ड लेने के वक्त उस की ये डिटेल्स नहीं हैं तो फिर उसे अपना पीएफ, पीपीओ, उमीद कार्ड या मोबाइल नंबर में से कुछ तो वहां बताना ही होगा। 

मरीज़ों की डिटेल्स को 'i' पर क्लिक कर के वेरीफाई किया जा सकता है ...किसी तरह की इम्पर्सोनेशन से बचने के लिए...आरईएलएचएस कार्ड धारकों की पहचान भी उमीद कार्ड के ज़रिए आसानी से वेरीफाई हो सकती है...

रजिस्ट्रेशन स्लिप की प्रिंटिंग -   इन की प्रिंटिंग के लिए थर्मल स्कैनर चाहिए होते हैं...और इस स्लिप के ऊपर यह भी आ जाएगा कि उस रजिस्ट्रेशन स्लिप को कब प्रिंट किया गया। अधिकतर जगहों पर अभी ये स्कैनर उपलब्ध नहीं है, इसलिए उस का विकल्प यह है कि यह रजिस्ट्रेशन स्लिप उस मरीज़ के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी चली जाएगी। इसलिए रजिस्ट्रेशन स्लिप का प्रिंट-आउट देना ज़रूरी नहीं है...और हां, जैसे जैसे लोग एचएमआईएस ऐप डाउनलोड ही कर लेंगे तो फिर इन रजिस्ट्रेशन स्लिप का प्रिंट-आउट लेने की ज़रूरत भी न रहेगी...

दो तरह के रजिस्ट्रेशन स्लिप उपलब्ध हैं...

एक तो QMS - Queue Management System - जिसे रजिस्ट्रेशन स्लिप भी कह रहे हैं...उन के ऊपर बॉर-कोड भी लगा रहता है जो सी.आर नंबर ही होता है ... जब वे डाक्टर को दिखा कर फार्मेसी में जाएंगे तो उन्हें इस के आधार पर वहां से दवाई भी मिल जाएगी...अगर वहां पर स्कैनर है तो वह उस स्लिप को स्कैन करेंगे और डाक्टर द्वारा लिखी सभी दवाईयों की डिटेल्स उन्हें दिख जाएगी जिन्हें फार्मासिस्ट मरीज़ को दे देंगे। 

दूसरा है, पुराने टाइप के रजिस्ट्रेशन स्लिप भी अभी मिल रहे हैं क्योंकि उन्होंने अभी QMS - Queue Management System को अभी कन्फिगर नहीं किया हुआ। 


रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल के बारे में अगली पोस्ट में कुछ और बातें करेंगे....

एच.एम.आई. एस को अच्छे से जानिए...

रेल मंत्रालय ने देश भर के सभी रेलवे अस्पतालों में अस्पताल मैनेजमेंंट सूचना प्रणाली शुरू कर दी है ... बहुत सी जगहों पर अभी तो यह शुरूआती दौर में है, लेकिन जल्द ही इस के सभी माड्यूल्स शुरू होेने वाले हैं...

रेल से जुड़ा कोई भी शख्स है, कर्मचारी हो या रिटायर्ड कर्मचारी, सब के लिए इसे अच्छे से जानना बहुत ज़रूरी है ...यह कोई रॉकेट-साईंस नहीं है...इसके लिए उमीद कार्ड होना ज़रूरी है ...लेकिन अगर उमीद कार्ड के बिना भी अभी दवाई मिल रही है तो भी आने वाले समय में बिना एचआईएमएस पोर्टल पर पंजीकरण के आप को दिक्कत ही होने वाली है...इसलिए इस के बारे में जानिए...

यह ब्लॉग भी आप तक इस के बारे में यही सब सूचना बिल्कुल आसान भाषा में पहुंचाने का एक प्रयास है ताकि आप के मन में अगर कोई संदेह हैं वे दूर हो सकें, आप इस के फायदों से परिचित हो पाएं और इस से अपनी ज़िंदगी को थोड़ा सा आसान कर लें...यह आप के हित में भी है, रेलवे प्रशासन के हित में तो है ही ...आने वाले वक्त में आप को लंबी लंबी कतारों से राहत मिलने लगेगी....अस्पताल में आप का वेटिंग-टाईम घट जाएगा...जगह जगह भारी भरकम चिकित्सा की कापियां, रजिस्टर और रिपोर्टें उठा उठा कर घूमना न पड़ेगा..

इसलिए ब्लॉग में जो भी कहा जाए, उस पर गौर करिए...और यह भी संभव है कि बहुत सी बातें छूट जाएँ या उन्हें मैं ठीक से रख न पाऊं तो ऐसे में मुझे इस ब्लाग के नीचे कमैंट लिख कर बताइए, मैं एचआईएमएस को जानने वाली कोई अथारिटी भी नहीं हूं...यह मेरे लिए भी इस के बारे में और कुछ सीखने का एक माध्यम है, अगर आप कमेंट-बॉक्स में जा कर अपनी राय लिखेंगे...इस ब्लॉग को शुरू करने का कोई भी कमर्शियल ऐंगल कतई नहीं है, अभी तक वैसे भी ब्लॉगिंग से  गूगल एड्सेंस ही से मैंने एक रूपये की भी कमाई नहीं करी ...बस, यह बताना ज़रूरी लगा, सो लिख दिया है ...

इस के पहले कि मैं एच आई एम एस की स्टोरी सुनाना शुरु करूं ...बेहतर होगा कि आप नीचे दिए लिंक्स को एक बार देख लें...

GM Central Railway Rolls Out HMIS at Byculla Hospital 

ऐच एम आई एस ऐप के बारे में सुनिए

PCMD, Central Railway Inspects HMIS Progress at ZRH, Byculla 

एच.एम.आई.एस में रजिस्ट्रेशन करवा के आर.सी नंबर हासिल करना ..

आप एचएमआईएस की वेबसाईट पर जा कर भी छोटी मोटी कोई जानकारी हासिल कर सकते हैं >>> https://hmis.rcil.gov.in/AHIMSG5/hissso/Login#contac...