आप एचएमआईएस की वेबसाईट पर जा कर भी छोटी मोटी कोई जानकारी हासिल कर सकते हैं >>> https://hmis.rcil.gov.in/AHIMSG5/hissso/Login#contact
जिन लोगों की आई.डी बनी हुई है, वे लोग ही इन में लॉग-इन कर सकते हैं....चूंकि इस में लोगों का सेंसेटिव डैटा पड़ा हुआ है, इसलिए उस डैटा की सुरक्षा, निजता की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।
जब कोई मरीज़ पहली बार अस्पताल आयेगा तो वह पंजीकरण डेस्क पर अपना उमीद कार्ड देगा...जब डेस्क पर बैठा कर्मचारी उस के उमीद कार्ड के क्यू.आर कोड को स्कैन करेगा तो उस मरीज़ का डैटा स्वतः कंप्यूटर स्क्रीन पर दिख रहे फार्म में आ जाएगा...और जब ये डिटेल्स उस फार्म में भरे जाएंगे (ऑटो-फिल) और अगर किसी कारण से भी कर्मचारी उस मरीज़ की पहचान के बारे में सुनिश्चित होना चाहेगा तो वहां उस की और भी बहुत सी डिटेल्स दिखने लगेंगी..इस के बाद उस मरीज़ के लिए रजिस्ट्रेशन स्लिप जेनरेट हो जाएगी।
अगर कोई मरीज़ पहली बार आया है और वह अपना उमीद कार्ड लाना भूल भी गया है तो भी उस को अगर अपने उमीद कार्ड का नंबर याद है या पी.एफ नंबर ही याद है अगर वह रिटायर्ड है और उसे पेंशन पेमेंट आर्डर नंबर (पी पी ओ नंबर) पता है तो भी उस का एचएमआईएस रजिस्ट्रेशन नंबर तो जेनरेट हो ही जाएगा...रजिस्ट्रेशन करते वक्त ऐसे भी विकल्पर रहते हैं स्क्रीन पर दिख रहे उस फार्म में। यहां तक कि अगर उसे अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पता है तो भी उसका काम हो सकता है क्योंकि ये सब दस्तावेज़- पी एफ नंबर, पी पी ओ नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर उमीद कार्ड से लिंक हुए होते हैं।
चूंकि आधार नंबर और पैन कार्ड नंबर अभी भी उमीद कार्ड बनवाने के लिए अनिवार्य नहीं है - फिर भी हो सकता है कि उस के उमीद रिकार्ड में ये दोनों मौजूद हों, ऐसे में वह इन दोनों में से एक ही नंबर के आधार पर एचएमआईएस आर.सी नंबर हासिल कर सकता है...लेकिन अगर उमीद कार्ड लेने के वक्त उस की ये डिटेल्स नहीं हैं तो फिर उसे अपना पीएफ, पीपीओ, उमीद कार्ड या मोबाइल नंबर में से कुछ तो वहां बताना ही होगा।
मरीज़ों की डिटेल्स को 'i' पर क्लिक कर के वेरीफाई किया जा सकता है ...किसी तरह की इम्पर्सोनेशन से बचने के लिए...आरईएलएचएस कार्ड धारकों की पहचान भी उमीद कार्ड के ज़रिए आसानी से वेरीफाई हो सकती है...
रजिस्ट्रेशन स्लिप की प्रिंटिंग - इन की प्रिंटिंग के लिए थर्मल स्कैनर चाहिए होते हैं...और इस स्लिप के ऊपर यह भी आ जाएगा कि उस रजिस्ट्रेशन स्लिप को कब प्रिंट किया गया। अधिकतर जगहों पर अभी ये स्कैनर उपलब्ध नहीं है, इसलिए उस का विकल्प यह है कि यह रजिस्ट्रेशन स्लिप उस मरीज़ के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी चली जाएगी। इसलिए रजिस्ट्रेशन स्लिप का प्रिंट-आउट देना ज़रूरी नहीं है...और हां, जैसे जैसे लोग एचएमआईएस ऐप डाउनलोड ही कर लेंगे तो फिर इन रजिस्ट्रेशन स्लिप का प्रिंट-आउट लेने की ज़रूरत भी न रहेगी...
दो तरह के रजिस्ट्रेशन स्लिप उपलब्ध हैं...
एक तो QMS - Queue Management System - जिसे रजिस्ट्रेशन स्लिप भी कह रहे हैं...उन के ऊपर बॉर-कोड भी लगा रहता है जो सी.आर नंबर ही होता है ... जब वे डाक्टर को दिखा कर फार्मेसी में जाएंगे तो उन्हें इस के आधार पर वहां से दवाई भी मिल जाएगी...अगर वहां पर स्कैनर है तो वह उस स्लिप को स्कैन करेंगे और डाक्टर द्वारा लिखी सभी दवाईयों की डिटेल्स उन्हें दिख जाएगी जिन्हें फार्मासिस्ट मरीज़ को दे देंगे।
दूसरा है, पुराने टाइप के रजिस्ट्रेशन स्लिप भी अभी मिल रहे हैं क्योंकि उन्होंने अभी QMS - Queue Management System को अभी कन्फिगर नहीं किया हुआ।